राजस्थान सरकार द्वारा महिलाओ को आत्मनिर्भर बनाने हेतु एक अहम योजना को शुरू किया जा रहा हैं। इस योजना का नाम इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना हैं राज्य सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाया जायेगा। यदि आप सभी जानकारी को विस्तार से जानना चाहते हैं, तो आज हम आपको अपने आर्टिकल के माध्यम से बताएंग जैसे – उद्देश्य, लाभ, विशेषताएं, पात्रता, महत्वपूर्ण दस्तावेज, आवेदन करने की प्रक्रिया आदि से संबंधित जानकारी सभी प्राप्त करने के लिए आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।
राजस्थान राज्य सरकार द्वारा इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना का शुभारंभ देश की पहली महिला राज्यपाल श्रीमती सरोजनी नायडू के जन्मदिवस के शुभ अवसर पर किया गया था. जो कि , 13 फरवरी 2023 को राज्य के पोदार कॉलेज कैंपस में आयोजित एक दिवसीय महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के दौरान आयोजित किया गया था प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से 50 लाख रूपये से लेकर 1 करोड़ रूपये तक की ऋण राशि स्वरोजगार शुरू करने हेतु उपलब्ध करवाई जाएगी। साथ ही व्यक्तिगत महिला उद्यमी एवं स्वयं सहायता समूहों को 50 लाख रुपये की ऋण राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। यह योजना महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने में भी कारगर साबित होगी। इसके अलावा इस योजना के माध्यम से महिलाओं के जीवन स्तर में भी सुधार आएगा।
Highlights of Indira Mahila Shakti Udyam Protsahan Yojana
योजना का नाम | इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना IMSUPY |
योजना बजट | 1000 करोड़ रुपये |
लाभ | महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने हेतु ऋण सुविधा उपलब्ध |
लाभार्थी | राज्य की महिलाएं व स्वयं सहायता समूह |
राज्य | राजस्थान |
योजना आरंभ की गयी | राजस्थान सरकार द्वारा |
योजना की अवधि | 31 मार्च 2024 तक |
वर्ष | 2024 |
उद्देश्य | महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना |
योजना के अंतर्गत ऋण अनुदान | 25-30% |
आवेदन फॉर्म | डाउनलोड |
अधिकारिक वेबसाइट | wcd.rajasthan.gov.in |
इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य
राज्य सरकार द्वारा इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की महिलाओं को अपना उद्यम स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करना है। ताकि उन्हे अपना जीवन यापन करने के लिए किसी आर्थिक समस्या का सामना ना करना पड़े साथ ही रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश की महिलाओं को ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। जिस पर उनको अनुदान मुहैया कराया जाएगा। इस योजना के माध्यम से राज्य की महिलाओं को 50 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रूपये तक की ऋण राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। इस योजना का लाभ प्राप्त करके महिलाएं आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकेंगी और उनका जीवन स्तर भी बेहतर बनेगा।
ऋण राशि का विवरण
- व्यक्तिगत महिलाओं को 50 लाख रूपये की ऋण राशि।
- स्वयं सहायता समूहों को 1 करोड़ रूपये ऋण राशि
- व्यापार ऋण की अधिकतम ऋण सीमा 10 लाख रुपये होगी।
- ऋण अनुदान की अधिकतम सीमा 15 लाख रुपये तय की गयी है।
- उद्यम स्थापना के लिए 1 करोड़ रूपये दिए जायेंगे।
IMSUPY के अंतर्गत ऋण प्रदान करने वाले बैंक वित्तीय संस्थाएं
- राजस्थान वित्त निगम
- राष्ट्रीयकृत वाणिज्यिक बैंक
- सिडबी
- भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्राधिकृत निजी क्षेत्र के अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक तथा अनुसूचित स्मॉल फाइनेंस बैंक
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
लाभ तथा विशेषताएं
- इस योजना के माध्यम से विनिर्माण, सेवा एवं व्यापार आधारित उद्योगों के लिए महिलाओं को ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा।
- राज्य सरकार द्वारा व्यक्तिगत महिलाएं एवं संस्थागत दोनों महिलाओं को योजना का लाभ दिया जायेगा।
- फर्म या कम्पनी स्थापित करने वाली महिलाओं को भी योजना का लाभ प्रदान किया जायेगा।
- साथ ही राज्य सरकार की ओर से IMSUPY के अंतर्गत उद्योग, सेवा, व्यापार, डेयरी, कृषि आधारित उद्यम आदि समस्त क्षेत्रों के लिए ऋण सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी
- जिसका लाभ प्राप्त करके महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार आएगा।
- राजस्थान सरकार के द्वारा इस योजना में 1000 करोड़ रूपए का बजट निर्धारित किया गया है।
- यह स्कीम राज्य में व्यवसायिक क्षेत्र को बढ़ाने में वृद्धि करेगी।
- ऋण राशि का 25 प्रतिशत के रूप में सभी आवेदकों को अनुदान दिया जायेगा। इसी के साथ वंचित वर्ग से संबंधित आवेदन करने वाले लाभार्थियों को 30 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा।
- राज्य सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत ना केवल व्यक्तिगत महिला बल्कि संस्थागत आवेदक महिला स्वयं सहायता समूह/महिला स्वयं सहायता समूह के क्लस्टर आदि भी पात्र होंगे।
- कार्यान्वयन निदेशालय, महिला अधिकारिता के अधीन जिला स्तरीय महिला अधिकारिता कार्यालय के माध्यम से किया जाएगा।
- निदेशालय, महिला अधिकारिता राज्य स्तर पर योजना के कार्यान्वयन एवं पर्यवेक्षण हेतु नोडल एजेंसी होगा।
विशेष वर्गो/उद्यमों की वरीयता
- प्रस्तावित परियोजना से रोजगार वा कौशल दोनों बढ़ाने वाले आवेदक।
- वह आवेदन जो नवाचार या अनुसंधान को कार्यान्वित करना चाहते हो और भविष्य की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी हो।
- वह श्रमिक जो किसी उद्यम में लंबे समय तक कार्य करते रहने के कारण उस उद्यम से संचालन में निपुण हो चुके हैं।
- सिलिकोसिस कारक/प्रभावित उद्यमों के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण अनुकूल आधुनिकीकरण हेतु निवेश करने वाले आवेदक।
- ऐसे आवेदक जिनकी कार्य योजना में निर्यात की संभावना हो।
- ऐसे आवेदक जो विश्व के अन्य देशों से न्यूनतम 1 वर्ष तक कार्य कर कर लौट कर आए हो।
- वह आवेदक जो वस्त्र बनाई के कार्य हेतु बुनकर कार्ड धारक है या हस्तशिल्प में आर्टिजन कार्ड धारक है।
- वह आवेदक जो वस्तुत समाज के सबसे वंचित तबके के रूप में विद्यमान है जैसे कि स्ट्रीट वेंडर, घरेलू वर्कर आदि।
- आवेदन जो की बैंक के अच्छे ऋणी हैं एवं जिन्होंने बैंक के नियमों के तहत समयबद्ध रूप से ऋण चुकाया है।
- वे आवेदन जो राज्यों के द्वारा मान्यता प्राप्त संसाधनों से किसी कौशल में प्रशिक्षित हैं या प्रस्तावित कार्य क्षेत्र में पुरस्कृत हैं।
- साथ ही ऐसे आवेदक जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विधवा, दिव्यांग, हिंसा से पीड़ित महिलाओं की श्रेणी से आते हैं।
पात्रता
- राज्य सरकार द्वारा इस योजना का लाभ राज्य के मूल निवासी को दिया जाएगा।
- योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष या इससे अधिक होनी चाहिए।
- इसके अलावा महिला स्वयं सहायता समूह या इन समूह के समूह का राज्य सरकार के किसी विभाग के अंतर्गत दर्ज होना आवश्यक है तथा समूह को क्लस्टर या फेडरेशन की स्थिति में उनको नियम अनुसार सहकारी अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत होना अनिवार्य है।
संस्थागत आवेदकों की पात्रता
- महिला स्वयं सहायता समूह,/क्लस्टर/फेडरेशन से संबंधित समस्त सूचनाएं राज्य सरकार के पोर्टल पर उपलब्ध होनी चाहिए।
- महिला स्वयं सहायता समूह/क्लस्टर/फेडरेशन राज्य सरकार के किसी विभाग के दिशा निर्देश/नियम/विनियम/योजना के अंतर्गत गठित होने चाहिए।
- संस्था के गठन को कम से कम 1 वर्ष हो गया हो तथा गठन को 1 वर्ष की अवधि के उपरांत भी न्यूनतम 1 वर्ष तक सक्रिय रूप से संचालित होना चाहिए। इस अवधि में बचत, पारंपरिक लेनदेन, ऋण इत्यादि का पर्याप्त रिकॉर्ड होना अनिवार्य है।
- महिला स्वयं सहायता समूह के क्लस्टर या फेडरेशन नियम अनुसार सहकारिता अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत होने चाहिए।
- योजना के अंतर्गत अपात्र आवेदक
- राज्य सरकार द्वारा इस योजना में वह आवेदक शामिल होंगे, जिनके परिवार का कोई भी सदस्य किसी अन्य केंद्रीय/राजकीय अनुदान कार्यक्रम योजना में विगत 5 वर्ष में लाभवंती हुआ हो।
- साथ ही ऐसे आवेदक जिनके परिवार का कोई भी सदस्य किसी वित्तीय संस्था या बैंक का डिफॉल्टर या दोषी हो।
महत्वपूर्ण दस्तावेज
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- आयु का प्रमाण
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
- मोबाइल नंबर
- ईमेल आईडी आदि।
इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया
- आपको सबसे पहले महिला एवं बाल विकास विभाग की अधिकारिक वेबसाइट पर जाना हैं।
- वहां जाने के बाद आपके सामने होम पेज खोलकर आएगा।
- अब आपको इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना के विकल्प पर क्लिक करना हैं।
- जिसके बाद आपकी स्क्रीन पर आवेदन फॉर्म खुलकर आएगा।
- फिर इसमें आपको आवेदन फॉर्म में पूछे गए सभी महत्वपूर्ण जानकारी दर्ज करनी होगी।
- सभी जानकारी को भरने के बाद आपको सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को अपलोड करना हैं।
- अंत में आपको सबमिट के विकल्प पर क्लिक करना हैं।
- आप इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत इस प्रकार आवेदन कर सकते हैं।
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